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भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ सड़क पर उतरे सभी विपक्षी दलों के नेता व कार्यकर्ता,वाहनों के परिचालन पर असर।


अख्तर --------------------------- कोडरमा बाज़ार। राज्य सरकार द्वारा लिए गए भूमि अधिग्रहण बिल के फैसले के विरोध में गुरुवार को सभी विपक्षी दलों के नेता व कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर राज्य सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद किया और सरकार के फैसले को जन विरोधी बताया। बंद को लेकर मुख्य रूप से कांग्रेस,झामुमो,राजद,झाविमो,भाकपा, माकपा के सैकड़ो कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर रघुवर सरकार का जमकर विरोध किया,इस दौरान शहर के सभी दुकानों को बन करवाया। बन्दी को लेकर सभी दलों के नेता व कार्यकर्ताओ ने पुरे शहर का भ्रमण करते हुए सुभाष चौक पहुंचकर धरना दिया और बाईपास को जाम कर दिया। धरना पर बैठे कार्यकर्ताओं द्वारा विभिनन मांगो को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारे भी लगाए जा रहे थे।सुबह 8:00 बजे से ही तमाम राजनीतिक दलों के नेता व कार्यकर्ता शहर में घूम घूमकर दुकानें बंद करवाने की अपील करते रहे। बंद के कारण शहर की सड़कें कुछ देर के लिए जाम हो गई थी, इससे यातायात प्रभावित हुआ। शहर की दुकानें भी बंद रहीं। हालांकि दिन चढ़ने के साथ ही धीरे धीरे सभी दुकानें खुलने लगीं। इस दौरान जिला प्रशासन की ओर से पुलिस की काफी संख्या में तैनाती की गई थी। बंदी में मुश्तैद दिखा जिला प्रशासन,जगह-जगह पर पुलिस बल के जवान तैनात थे झारखंड बंद को लेकर किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना न हो एसडीओ प्रभात कुमार बरदियार,एएसपी अजय पाल, एसडीपीओ अनिल शंकर,बीडीओ मिथिलेश पासवान,सीओ सहित थाना प्रभारी राजबल्लभ पासवान दल बल के साथ के सड़को पर मुश्तैद दिखे हर चौक चौराहे पर पुलिस बल की तैनाती की गई थी,जहा उपद्रव कर रहे बंद समर्थको से शख्ती से निपटा जा सके, बन्द समर्थक सभी पार्टियो के कई कार्यकर्ताऒ को गिरफ्तार कर कैंप जेल श्रमकल्याण ले जाया गया। जहा विधिसंगत कानूनी कार्रवाई के बाद सभी को छोड़ दिया गया। भाजपा सरकार गरीब व मजदूर विरोधी: अन्नपूर्णा राज्य सरकार द्वारा लिए गए फैसले पर पूर्व मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने गरीब व जन विरोधी बताया है। उन्होंने कहा कि अच्छे दिनों की शुरुआत हो गयी है,गरीब किसानों व आदिवासियों के जमीन उधोगपतियों को दिया जा रहा है। रोटी मांगने पर भाजपा सरकार ने मजदूरों को गोली दे रही है। हर मोर्चे पर विफल सरकार ने जिस तरह से देश के गिने-चुने औद्योगिक घरानों को लाकर विकास के नाम पर विनाश की शुरुआत कर दी है। सीएनटी, एसपीटी एक्ट में बदलाव कर कृषि योग्य भूमि को लेने की कोशिश की जा रही है। जो राज्य के लिए सबसे घातक साबित होने वाला फैसला है। उन्होंने कहा कि एक तरफ रघुवर सरकार इस फैसले को राज्य हित बता रही है तो वही दूसरे तरफ मजदूर किसानों की जमीन छीनकरपर सरकार ने यह साबित कर दिया है कि भाजपा की सरकार गरीब विरोधी है। उन्होंने कहा कि सरकार के नीयत व नीति दोनों में खोट है। सरकार एक तरफ विकास के दावें कर रही है। वही दूसरी ओर निवेशकों को न्यौता दे रही है, परंतु विस्थापन और पुनर्वास को लेकर सरकार की नीति पूरी तरह अस्पष्ट है। दूसरी तरफ सरकार पिछले दरवाजें से अध्यादेश के जरिये एसपीटी, सीएनटी एक्ट में संसोधन कर मंजूरी दे देना यह साबित करता है कि सरकार द्वारा उठाये गये इन कदमों से लोगों का भरोसा टूटा है। वही राज्य के किसान और रैयतों को वार्ता के लिए बुलाकर बात नहीं मानने पर पुलिस प्रशासन द्वारा गोली चलवाया जाना सरकार की संवेदनहीन तथा बर्बबरतापूर्ण कार्यशैली को उजागर करता है। राज्य में भूमि अधिग्रहण के नाम पर गरीब जनता के साथअत्याचार किया जा रहा है। विकास के नाम पर गरीबो को उजाड़ना चाहती है सरकार : श्याम किशोर सिंह झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिलाध्यक्ष श्याम किशोर सिंह ने कहा कि रघुवर सरकार सत्ता के मद में पूरी तरह निरंकुश और बर्बर हो चुकी है। सीएनटी एसपीटी एक्ट को पास कर उधोगपतियों को फ़ायदा पहुंचने की पूरी तैयारी कर चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार की इस फैसले की जितना भी निंदा की जाएं कम है। सरकार सत्ता पर बैठकर पूंजीपतियों और कॉरपोरेट घरानों की दलाली कर रही है। राज्य के गरीब रैयतों आदिवासियों के प्रति इस सरकार का रवैया पूरी तरह से अलोकतांत्रिक, दमनकारी बताया है। वही जेवीएम नगर अध्यक्ष असद खान ने कहा कि रघुवर सरकार लाठी तथा गोली के सहारे प्रदेश में शासन करना चाहती है। लोकतांत्रिक व्यवस्था पर इस सरकार का विश्वास उठ चुका है। विकास के नाम पर लोगों को उजाड़ने का काम किया जा रहा है। जेवीएम जिलाध्यक्ष बेदु साव ने कहा कि सरकार पूरी तरह से दिशाहीन हो चुकी है तथा जनता के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए मूल विषय से भटकाने के लिए आनन-फानन में एक के बाद एक अव्यावहारिक न






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