हजारीबाग। झारखंड की राजधानी रांची से 90 किलोमीटर स्थित हजारीबाग से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आयी. शनिवार देर रात कर्ज में डूबे एक ही परिवार के छह सदस्यों की मौत से पूरा जिला सन्न रह गया. शुरुआती जांच में मौत की वजह कर्ज को बताया गया है, लेकिन हत्या की आशंका से भी इन्कार नहीं किया जा रहा है. माहेश्वरी परिवार बताया जा रहा है कि छह लोगों में दो लोगों ने फांसी लगाकर जान दी. एक बच्चे की धारदार हथियार से हत्या कर दी गयी, जबकि एक बच्ची को जहर देकर मारा गया. एक महिला की गला दबाकर हत्या की गयी है. ऐसा लगता है कि परिवार के पांच लोगों की मौत के बाद सबसे अंत में नरेश अग्रवाल ने छत से कूदकर जान दे दी. पुलिस को अपार्टमेंट के कमरे से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है. ब्राउन लिफाफे पर लाल स्याही से लिखा है कि अमन को लटका नहीं सकते थे. इसलिए उसकी हत्या की गयी. इसके नीचे नीली स्याही से मोटे अक्षरों में सुसाइड नोट लिखा है और उसके नीचे लिखा है : बीमारी+दुकान बंद+दुकानदारों का बकाया न देना + बदनामी + कर्ज = तनाव (टेंशन) = मौत. घटना हजारीबाग के खजांची तालाब के निकट सीडीएम अपार्टमेंट की है. मृतकों के नाम नरेश अग्रवाल, महावीर माहेश्वरी, किरण अग्रवाल, प्रीति अग्रवाल, अन्वी अग्रवाल और अमन अग्रवाल हैं. परिवार के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति महावीर अग्रवाल ने और उनकी पत्नी किरण अग्रवाल ने फांसी लगाकर अपने जीवन का अंत किया, तो नरेश अग्रवाल ने धारदार हथियार से गला काटकर अपने बेटे अमन को मार डाला. संभवत: उसी ने अपनी पत्नी प्रीति अग्रवाल की गला दबाकर हत्या की. नरेश की बेटी अन्वी अग्रवाल की मौत की वजह जहर बतायी जा रही है. किरण माहेश्वरी और उनकी बहू प्रीति अग्रवाल का शव एक कमरा में मिला है, जबकि दूसरे कमरे में महावीर माहेश्वरी और उनके पोते अमन का शव मिला. नरेश की तीन साल की बेटी अन्वी का शव बरामदे में पड़ा मिला. नरेश अग्रवाल का शव फ्लैट के नीचे कम्पाउंड में मिला. शुरुआती जांच में इसे आत्महत्या का मामला माना जा रहा है, लेकिन पुलिस हत्या की आशंका से भी इन्कार नहीं कर रही है. कहा जा रहा है कि एक साथ छह लोगों की मौत के इस मंजर से ऐसा लगता है कि किसी ने इन सबकी हत्या कर दी है. हालांकि, पुलिस जांच के बाद ही कुछ भी कह पाने की स्थिति में होगी. घटना की जानकारी मिली, तो सदर विधायक मनीष जायसवाल भी वहां पहुंचे. उन्होंने कहा की ऐसी घटनाओं का समाज पर दुष्प्रभाव पड़ता है. मनुष्य के जीवन में विपत्ति या संकट आता है. कुछ क्षण के लिए मन विचलित भी होता है, लेकिन इस तरह का निर्णय गलत है. समाज को जागरूक होना होगा. हम सबको मिलकर एक-दूसरे के दुःख-सुख में शामिल होना होगा, ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो. उन्होंने कहा की परिवार की सामूहिक मौत का कारण स्पष्ट नहीं है. पुलिस तत्परता और सक्रियता से अनुसंधान में जुटी है. पुलिस को जल्द से जल्द इस घटना के निष्कर्ष तक पहुंचना चाहिए, ताकि मृत्यु क कारणों का खुलासा हो सके।